Monday 14 March 2016

दांतों की देखभाल है आसान

दांतों का नाता न केवल चेहरे की खूबसूरती से है, बल्कि दांतों के बिना जिंदगी भी मुश्किल हो जाती है। हममें से अधिकांश लोग दांतों की देखभाल और साफ-सफाई को गंभीरता से नहीं लेते। यही लापरवाही दांतों की तमाम बीमारियों का कारण बनती है।


मुंह की देखभाल में ये आठ गलतियां करते हैं सभी -


शरीर की देखभाल की तरह मुंह की देखभाल बहुत जरूरी है, लेकिन अक्‍सर  मुंह की देखभाल करते हुए कई सामान्‍य गलतियां करने लगते हैं जिससे दांतों और मुंह की समस्‍या हो सकती है।
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    मुंह की देखभाल

    मुंह की देखभाल भी शरीर की देखभाल का प्रमुख हिस्‍सा है। मुंह शरीर का प्रमुख हिस्‍सा है और इसमें समस्‍या होने पर आपको खाने-पीने में दिक्‍कतें हो सकती हैं। लेकिन अक्‍सर आप मुंह की सफाई के दौरान कई गलतियां करते हैं। हालांकि मुंह की देखभाल करना बहुत ही आसान है, लेकिन जानकारी के अभाव में आप छोटी-छोटी गलतियां करते हैं जिससे मुंह में सक्रमण, मुंह का कैंसर, मुंह से बदबू आने जैसी समस्‍यायें होने लगती हैं। अगर आप भी मुंह की देखभाल में कुछ गलतियां कर रहें हैं तो इन्‍हें करने से बचें। 
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    ब्रेकफास्‍ट से पहले ब्रश

    ब्रेकफास्‍ट से पहले दांतों की सफाई के लिए ब्रश करना बहुत जरूरी है। लेकिन अगर आप ब्रश करने के तुरंत बाद ब्रेकफास्‍ट कर रहे हैं तो अपनी दांतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ब्रश करने के 60 मिनट बाद तक किसी भी प्रकार के आहार का सेवन करने से बचना चाहिए। क्‍योंकि इसके कारण मुंह में बनने वाला एसिड आपकी दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए ब्रेकफास्‍ट से तुरंत पहले ब्रश करने से बचें। 
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    ब्रेकफास्‍ट के बाद ब्रश

    अगर आप ब्रेकफास्‍ट के तुंरत बाद ब्रश कर रहे हैं तो भी आप गल‍ती कर रहे हैं। ब्रेकफास्‍ट के तुरंत बाद ब्रश करने से दांतों के बीच की खाली जगह में कीटाणु पनपने लगते हैं। इससे दांतों में कीड़े पड़ने की संभावना बढ़ जाती है।
  • 4

    मिठाई के बाद ब्रश न करना

    अगर आपने मिठाई खायी है और ब्रश नहीं किया है तो इससे दांतों के साथ मुंह को भी नुकसान होता है। शुगर में पाये जाने वाले तत्‍व शरीर में बनने वाले एसिड को प्रभावित करते हैं और इसका असर मुंह पर भी पड़ता है। इसलिए जब भी स्‍वीट खायें तुंरत मुंह की सफाई करें और हो सके तो ब्रश करें।
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    बदबू दूर करने के लिए

    कुछ लोग सांसों की बदबू दर करने के लिए सख्‍ती से ब्रश करते हैं जबकि इससे सांसों की बदबू से दांतों का लेना-देना नहीं होता है। सांसों की बदबू जीभ और मसूड़ों से निकलती है। इसलिए मुंह की बदबू दूर करने के लिए दांतों की नहीं जीभ और मसूड़ों का ध्‍यान रखें।
  • 6

    सोने से पहले ब्रश न करना

    जो लोग बिना ब्रश किये सो जाते हैं वे अपने दांतों के साथ मुंह को भी नुकसान पहुंचाते हैं। सोने से पहले ब्रश न करने के कारण 6-8 घंटे तक मुंह में बैक्‍टीरिया रहते हैं और यह मुंह की समस्‍या बढ़ाते हैं। इसलिए सोने से पहले ब्रश जरूर करें। 
  • 7

    फ्लोस से बचना

    फ्लोस यानी दांत साफ करने वाले धागे का प्रयोग करने से हम बचते हैं, जबकि दातों को साफ करने के लिए यह बहूत जरूरी होता है। क्‍योंकि खाने का एक छोटा सा टुकड़ा भी अगर हमारी दांतों में फस जाये तो इसके कारण कैविटी जैसी अन्‍य समस्‍यायें होने लगती हैं। लेकिन हम दांतों की सफाई के लिए फ्लोस का प्रयोग नहीं करते हैं। 
  • 8

    खाने के तुरंत बाद माउथवॉश

    कुछ लोग खाने के तुरंत बाद ही माउथवॉश का प्रयोग करते हैं, उनको लगता है कि इससे मुंह में बदबू की समस्‍या नहीं होगी। जबकि माउथवॉश में पाया जाने वाला एसिड खाने के तुरंत बाद प्रयोग करने से मुंह को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए अगर आप माउथवॉश का प्रयोग करना चाहते हैं तो खाने के लगभग 45 मिनट बाद ही करें।
  • 9

    नियमित जांच न कराना

    मुंह और दांतों की देखभाल के लिए बहुत जरूरी है कि आप नियमित रूप से इसकी जांच करायें। प्रत्‍येक 6 महीने बाद दं‍त चिकित्‍सक के पास जाकर दांतों की जांच अवश्‍य करायें। क्‍योंकि दांतों में इस दौरान कई तरह के धब्‍बे पड़ जाते हैं जो दिखाई नहीं देते, लेकिन बाद में यही धब्‍बे प्‍लेक का कारण बन सकते हैं
  • खाने की पसंद दांतों को कर सकती है प्रभावित

  • खाने में शुगर की अधिक मात्रा होने के कारण और आहार में जरूरी पौष्टिक तत्‍वों की कमी के कारण दांतों की समस्‍यायें बढ़ रही हैं, जंक फूड इसके लिए सबसे अधिक जिम्‍मेदार है।
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    दांतों की समस्‍यायें

    • स्‍वस्‍थ और चमकीले दांत पाने के लिए जरूरी है कि आप अपने खानपान की पंसद का ध्‍यान रखें। क्‍योंकि खानपान का सीधा असर दांतों और मसूड़ों के स्‍वास्‍थ्‍य पर पड़ता है। वर्तमान में दांतों में गड्ढों के मामले बढ़ रहे हैं जिसके लिए सबसे अधिक जिम्‍मेदार शुगर युक्‍त और जंक फूड को माना जा रहा है। इसलिए अगर आप दांतों को स्‍वस्‍थ रखना चाहते हैं तो खाने की पसंद का ध्‍यान रखें।
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    बढ़ रही रोगियों की संख्‍या

    • दरअसल शहरों में खानपान में बदलाव आया है। बढ़ रही दांतों और मसूड़ों की बीमारियों का सबसे बड़ा दोषी जंक फूड है। खाने में शुगर की बढ़ती मात्रा बच्चों और युवाओं में दांत और मसूड़ों की बीमारियों का प्रमुख कारण कारण बन रही है। इसके नुकसानदेह नतीजे मधुमेह और दिल के रोग के रूप में देखे जा रहे हैं। दांतों की ये बीमारियां पिछले दो दशक में तेजी से बढ़ी हैं। भारत में 1995 में डायबिटीज के करीब 1.94 करोड़ रोगी होने का अनुमान लगाया गया था जिसकी संख्‍या 2025 तक तिगुनी वृद्धि के साथ 5.72 करोड़ तक पहुंच सकती है।
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    ये हैं प्रमुख कारण

    • दाँतो की बढ़ती समस्‍या के लिए खानपान की आदतें सबसे अधिक जिम्‍मेदार हैं। जो लोग शुगर युक्‍त सोडा, शुगर युक्‍त फलों के पेय, और पौष्टिकता रहित आहार का सेवन करते हैं उनमें दांतों की समस्‍या बढ़ने की संभावना कम होती है। अगर खाने में पौष्टिकता की कमी है तो इसके कारण दांतों और मसूड़ों की बीमारी अधिक होती है।
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    खाने का तरीका

    • बच्चों और किशोरों में खाने के पैटर्न और खाने की गलत पसंद के कारण ही दांतों की समस्‍या होती है। जब मुंह में बैक्‍टीरिया शुगर के संपर्क में आते हैं तब दांतों को प्रभावित करने वाले एसिड का निर्माण 20 मिनट तक बढ़ जाता है। इसके कारण दांतों को अधिक समस्‍या होती है।
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    शुगर युक्‍त आहार

    • आप जब किसी ऐसे पदार्थ का सेवन करते हैं जिसमें किसी न किसी रूप में शुगर मौजूद होता है तो वह दांतों को नुकसान पहुंचाता है। दूध, कुछ प्रकार की सब्जियों, में शुगर मौजूद होता है। हालांकि इनका सेवन शरीर के लिए फायदेमंद भी होता है क्‍योंकि इसमें शरीर के लिए जरूरी पौष्टिकता भी होती है। अगर आप इनका सेवन करना नहीं छोड़ सकते हैं तो ऐसी वस्‍तुयें बिलकुल न खायें जिसमें शुगर अधिक होता है। शीतल पेय पदार्थ, कुकीज, कैंडी और पेस्‍ट्री में अधिक शुगर होता है।
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    खाने में पौष्टिकता की कमी

    • अगर आपके आहार में पौष्टिक तत्‍वों की कमी है तो इसके कारण संक्रमण रोकने वाले मुंह के ऊतकों के लिए संक्रमण रोकना कठिन हो सकता है। इसकी वजह से पेरीडोंटल रोग हो सकता है। इस रोग के कारण युवावस्‍था में ही दांत गिरने लगते हैं। कुछ शोधों में यह बात सामने आयी है कि सीधे तौर पर यह दांतों को नुकसान नहीं पहुंचाता, लेकिन अगर खाने में पौष्टिक तत्‍वों की कमी रहे तो इस बीमारी के फैलने की संभावना बढ़ जाती है।
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    संतुलित आहार खायें

    • अगर आप दांतों की समस्‍याओं से बचना चाहते हैं तो संतुलित आहार का सेवन कीजिए। दुग्‍ध उत्‍पाद में पनीर, हेल्‍दी स्‍नैक्‍स, कच्ची हरी सब्जियां, सादी दही, ताजे फलों का सेवन जरूर करें। संतुलित आहार मुंह के लार के प्रभाव को बढ़ाता है और दांतों के लिए नुकसानदेह एसिड के प्रभाव को भी कम करता है।
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    दांतों की देखभाल जरूरी

    • खानपान की आदतों के अलावा दांतों को समस्‍याओं से बचाने के लिए जरूरी है कि दांतों की सही तरीके से देखभाल करें। दिन में कम से कम दो बार ब्रश करें, खाने के बाद कुल्ला करें, गले और मुंह को पानी से धोने से ही मुंह की काफी समस्याएं घट जाती हैं। बच्‍चों में दांत की समस्याएं बोतल से दूध पिलाने के कारण होती हैं क्योंकि दूध में चीनी की अधिक प्रयोग किया जाता है, इसका भी ध्‍यान रखें।
    • ऐसे में जरूरी है कि कुछ बातों का भी ध्यान रखा जाए :

      • निश्चित समयांतराल पर दंत चिकित्सक से दांतों की जांच कराएं।
      • दांतों की नियमित सफाई करें।
      • डॉक्टर की सलाह से टूथपेस्ट का चुनाव करें।
      • भोजन में कैल्शियम और प्रोटीनयुक्त पदार्थ बढ़ाएं। दांतों का आधार कैल्शियम ही है।
      • जरूरत से ज्यादा मीठा खाने से बचें।
      • भोजन के बीच पानी अवश्य पीएं। इससे दांतों में फंसा खाना निकलता रहेगा।
      • दांतों में दर्द होने पर दांतों के बीच में एस्पि्रन या कोई अन्य दर्द निवारक दवा न रखें। 
    • स्वस्थ रहे.......
    • मुस्कुराते रहे.......
    • डॉ.संजय चौरसिया

  • दांतों की समस्‍यायें



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