Sunday 6 March 2016

अर्थराइटिस से बचाव के लिए अपनायें ये उपाय

अर्थराइटिस आपकी रोजमर्रा की जिंदगी पर बहुत बुरा असर डालता है। छोटे से छोटा काम करने में भी आपको काफी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन, कुछ उपाय अपनाकर आप अर्थराइटिस को दूर रख सकते हैं। अर्थराइटिस एक ऐसा रोग है जो उम्र बढ़ने के साथ काफी परेशान करता है। कई लोगों को ऑस्‍ट‍ियोअर्थराइटिस, य्हेयूमेटॉइट अर्थराइटिस अथवा जन्‍मजात अर्थराइटिस परेशान कर सकता है। सबसे सामान्‍य अर्थराइटिस ऑस्टियोअर्थराइटिस होता है, जिसमें उपास्थि का अध:पतन हो जाता है। इससे अस्थियां आपस में रगड़ खाने लगती हैं, जिससे दर्द होता है। आइए हम आपको बताते हैं कि किन उपायों को अपनाकर आप अर्थराइटिस से बच सकते हैं।



खूब पानी पियें

आपके जोड़ों में मौजूद उपास्थि शॉक एब्‍जावर की तरह काम करतीं हैं। ऑस्‍टियोअर्थराइटिस के कारण उपास्थियों का ह्रास होता है। क्‍योंकि यह पदार्थ 70 फीसदी पानी से बना होता है, आप रोजाना कम से कम दो लीटर पानी पीकर इसे तंदुरुस्‍त रख सकते हैं। कॉफी, चाय और सोडा में पानी होता है, लेकिन ये मूत्रवर्धक की तरह काम करते हैं, जिससे आपके शरीर से पानी जल्‍द ही निकल जाता है। इस प्रकार ये आपके शरीर को सही प्रकार से हाइड्रेट भी नहीं कर पाते। तो याद रखिए ये पेय पदार्थ पानी का विकल्‍प नहीं हैं।

कैल्शियम की मात्रा बढ़ाएं

अपने आहार में पनीर, दूध और दही जैसे डेयरी उत्‍पादों को शामिल करें। अगर आपको डेयरी उत्‍पादों से एलर्जी है, तो अपने आहार को अन्‍य कैल्शियम युक्‍त खाद्य पदार्थों जैसे, ब्रोकली, सालमन, पालक, राजमा, मूंगफली, बादाम, टोफू और तिल के बीजों को शामिल करें।

विटामिन है जरूरी

विटामिन सी और डी स्‍वस्‍थ जोड़ों के लिए बहुत जरूरी होते हैं। विटामिन डी य्हेयूमेटॉइड अर्थराइटिस को शुरू होने से रोक सकते हैं। इसके लिए आपको चाहिए कि सूर्य की रोशनी में अधिक बितायें। सूर्य का प्रकाश विटामिन डी का सबसे अच्‍छा स्रोत माना जाता है। विटामिन डी कैल्शियम को शरीर और हड्डियों द्वारा अव‍शोषित करने में भी मदद करता है। इसके साथ ही आप सालमन और टूना जैसी मछलियां, संतरे का जूस, दूध, दही, अंडे आदि का सेवन भी कर सकते हैं। डेयरी उत्‍पाद के किसी भी सप्‍लीमेंट का सेवन करने से पहले डॉक्‍टर से जरूर संपर्क करें, इन पदार्थों का ओवरडोज आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।

वजन रखें काबू में

ऑस्टियोअर्थराइटिस में आपको अपने जोड़ों जैसे, घुटनों, टखनों और कूल्‍हों आदि पर अधिक जोर नहीं डालना चाहिए। और जब आपका वजन काबू में होगा, तो आपके जोड़ों पर अधिक जोर नहीं पड़ेगा। सौभाग्‍य की बात यह है कि वजन कम करने से अर्थराइटिस का खतरा कम होता है। कई शोध यह बात साबित करते हैं कि मोटापा उपास्थियों के पुनर्निर्माण में भी बाधा उत्‍पन्‍न करता है। अगर क्षतिग्रस्‍त उपास्थि जल्‍द ही नयी उपास्थि से न बदला जाए, तो जल्‍द ही ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है।

नियमित व्‍यायाम करें

नियमित तौर पर कार्डियोवस्‍कुलर और लाइट वेटलिफ्टिंग एक्‍सरसाइज करें। न केवल व्‍यायाम आपका वजन काबू में रख सकता है, बल्कि इससे आपकी मांसपेशियां लचीली और शक्तिशाली होती हैं। अगर आप निष्क्रिय जीवनशैली जीते हैं तो आपको उम्र बढ़ने के साथ-साथ अर्थराइटिस होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। आपको सप्‍ताह में तीन से पांच बार 20 से 30 मिनट का व्‍यायाम जरूर करना चाहिए। इससे आप अर्थराइटिस के खतरे को कम कर सकते हैं। अपने व्‍यायाम को सावधानी से चुनें। अधिक जोर वाले व्‍यायाम आपके जोड़ों पर अधिक दबाव डालते हैं। आपको हल्‍के व्‍यायाम जैसे, तैराकी, साइ‍क्लिंग और जॉगिंग आदि से काफी लाभ पहुंचेगा।

योग और सामान्‍य स्‍ट्रेचिंग

इस प्रकार के व्‍यायाम आपके जोड़ों को मजबूत बनाने में मदद करता है। इससे आपकी मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। मांसपेशियां आपके जोड़ों पर पड़ने वाले दबाव का कुछ हिस्‍सा स्‍वयं पर झेल जाती हैं। स्‍ट्रेचिंग उम्र बढ़ने के साथ आपके जोड़ों में लचीलापन बनाए रखने में मदद करती है।

चोटों का खयाल रखें

अगर आपको एक ही स्‍थान पर बार-बार चोट लगती है, तो आपको खयाल रखने की जरूरत है। टखने की मांसपेशियों में परेशानी भविष्‍य में अर्थराइटिस की समस्‍या को जन्‍म दे सकती है। इस बात का ध्‍यान रखें कि अगर आपके जोड़ों में चोट लगी हो, तो उसे ठीक होने का उचित समय दें। और उस चोट से उबरने के लिए आप किसी फिजिकल थेरेपिस्‍ट की मदद भी ले सकते हैं।

धूम्रपान छोड़ें

धूम्रपान आपकी हड्डियों और सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। धूम्रपान छोड़ने के बाद अर्थराइटिस के मरीजों के जोड़ों और मांसपेशियों में सुधार देखा जाता है। इसके साथ ही उनके दर्द में भी कमी आती है।

क्रियाशील रहें

काम हो या खेल स्‍वयं को शारीरिक रूप से अधिक क्रियाशील रखें। लेकिन, एक ही शारीरिक क्रिया को बार-बार न दोहरायें। इससे आपकी मांसपेशियों पर बेकार का दबाव पड़ता है। अपने रोजमर्रा के बैठने-उठने के तरीके को भी सही रखें। लंबे समय तक न बैठे रहें। इससे आपकी कमर की मांसपेशियों पर जोर पड़ता है। हर तीस मिनट की डेस्‍क जॉब के बाद खड़े हो जाएं।

शराब का सेवन कम करें

अधिक शराब आपके शरीर के लिए अच्‍छी नहीं। शराब का अधिक सेवन आपकी हड्डियों को काफी नुकसान पहुंचाता है। आपको ऐसा करने से बचना चाहिए। 

इन सावधानियों को अपनाकर आप स्‍वयं को अर्थराइटिस की तकलीफ से काफी हद तक बचा सकते हैं।

Keep Smiling Always....

Dr.Sanjay Chourasia

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